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Pm mudra loan : pm मुद्रा लोन

Pm mudra loan : pm मुद्रा लोन

Pm mudra loan

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन कैसे ले सकते है? प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। परंतु इस योजना के तहत लोन बैंक द्वारा दिया जाता है। अगर आप इस योजना के तहत लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपको अपने नजदीकी किसी भी बैंक में जाना होता है जैसे बैंक ऑफ़ बरोदा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया इत्यादि। मुद्रा लोन योजना में आवेदन करने के लिए आपको आधार कार्ड, पहचान पत्र, पैन कार्ड, जाति तथा निवास प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा आपके व्यवसाय से संबंधित दस्तावेज तथा 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत होती है। अगर आप लोन लेते हैं तो आपका सिविल स्कोर 700 होनी चाहिए। पीएम स्वनिधि योजना के तहत कोई भी आदमी 10000 से 50000 रुपए तक लोन बिना गारंटी के हासिल कर सकता है। लेकिन 12 महीने के अंदर वापस भी करनी पड़ती है। सभी लाभार्थियों को 7 फ़ीसदी की दर से ब्याज मैं सब्सिडी भी मिलती है। इस लोन के लिए आप किसी भी बैंक में जाकर आवेदन दे सकते है। बैंक व NBFC पर्सनल लोन देने से पहले हमेशा चेक करते हैं कि आवेदक का सिविल स्कोर कितना है। अगर सिबिल स्कोर अच्छा होता है तो पर्सनल लोन एप्लीकेशन मंजूर होने और कम ब्याज दरो पर लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। सिविल ब्यूरो आपका स्कोर आमतौर पर 30 से 45 दिन में अपडेट करता है। हर कुछ दिनों मैं वित्तीय संस्थान जैसे बैंक ऑफ एनबीएफसी आपकी क्रेडिट संबंधित जानकारी सिविल और अन्य क्रेडिट ब्यूरो को भेजते है। इससे आपका क्रेडिट कार्ड का कुल उपयोग लोन रीपेमेंट कितना लोन चुकाना बचा है। कितनी बार लोन आवेदन दिया दिया है, ऐसी जानकारी होती है। जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र जैसे ही लोन के कैश बैंकों को भेजेगा, उसकी सारी जानकारी ऑनलाइन हो जाएगी। लोन के कैश को संबंधित बैंक 15 दिन में स्वीकृती देंगे और इसके 30 दिन के भीतर बेरोजगार को लोन भी बांटना पड़ेगा नियमों का पालन नहीं करने वाली बैंकों पर कार्रवाई होगी। सिबिल स्कोर आपका काम से कम 7 से 10 वर्षों के लिए आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का रिकॉर्ड रखना है। 2 ईएमआई लगातार नहीं चुकाने पर बैंक की ओर से रिमाइंडर लेटर जारी किया जाता है। तीसरी बार लगातार ईएमआई बाउंस होने पर बैंक अपना सख्त रूप अपनाता है। और आपके कैश को नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) मैं काउंट करता है। साथ ही रिकवरी की कार्रवाई शुरू हो जाती है। इसके अलावा आपका ईएमआई बाउंस होने पर सिबिल स्कोर भी बिगड़ता है।

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